helicopter used for organ transplant: राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं ने रविवार को नया इतिहास रच दिया। अंग प्रत्यारोपण के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया। हृदय, किडनी और लीवर को तीन घंटे में झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर पहुंचाया गया। भानपुरा (झालावाड़) निवासी 33 वर्षीय विष्णु को एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 13 दिसंबर को सिर में चोट लगने के कारण विष्णु को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। प्रशासन और मेडिकल टीम से प्रोत्साहित होकर विष्णु का परिवार उसके अंग दान करने के लिए सहमत हो गया। जिसके बाद 13 और 14 दिसंबर को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में विष्णु का हृदय, किडनी, लिवर और फेफड़े निकाले गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ब्रेन डेड विष्णु के शरीर से 8 अंग निकालकर जरूरतमंदों को सौंप दिए गए। जिसमें एक हृदय, 2 फेफड़े, 2 गुर्दे, 1 यकृत और 2 कॉर्निया शामिल हैं। इसके लिए रविवार (15 दिसंबर) सुबह 10.30 बजे हेलीकॉप्टर से अंग जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुंचे। जयपुर में दो मरीजों का हृदय और किडनी प्रत्यारोपण किया गया। दोपहर 1.30 बजे एक ही हेलीकॉप्टर से दो अंग जोधपुर एम्स पहुंचाए गए। जोधपुर में एक मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया।
राजस्थान में 13वां अंग प्रत्यारोपण
मानव अंगों की सुरक्षित और समय पर डिलीवरी के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। इन अंगों को समय पर जोधपुर और जयपुर के अस्पतालों में पहुंचाया जाना जरूरी था। ऐसे में प्रशासन ने जयपुर और जोधपुर में अस्पताल से एक किलोमीटर के दायरे में हेलीकॉप्टर उतारे। विष्णु के परिवार ने कहा कि उनके बेटे की जान नहीं बचाई जा सकी। लेकिन उनके अंग दूसरों की जान बचाने के काम आये। यह राजस्थान में अब तक का 13वां अंग प्रत्यारोपण था। इसके अलावा, यह एक ऐसा मामला था जिसमें 8 अंगों को एक साथ जरूरतमंद व्यक्तियों के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। जिसमें दो कॉर्निया भी शामिल हैं।
