Jharkhand Election Result 2024:

‘बंटेंगे तो कटेंगे’ से ‘लड़ेंगे, जीतेंगे’ तक, रिजल्ट से पहले जानें झारखंड चुनाव में कौन से मुद्दे रहे हावी?
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे शनिवार 23 नवंबर को आएंगे। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी। चुनाव परिणाम तय करेंगे कि झारखंड में अगली सरकार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए या जेएमएम के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की बनेगी। झारखंड में इस बार घुसपैठिए से लेकर बाहरी और भीतरी का मुद्दा हावी रहा।
झारखंड में चुनावी नारों की बात करें तो भाजपा का ‘बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ का चुनावी नारा हिट रहा। पीएम मोदी नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनावी जनसभाओं में ये नारा दिया। वहीं जेएमएम की ओर से हेंमत सोरेन ने ”लड़ेंगे तो जीतेंगे और ‘अबकी बार फिर से अबुआ सरकार’ का नारा दिया।
भाजपा ने जहां माटी-बेटी-रोटी के नाम पर चुनाव लड़ा है। वहीं जेएमएम ने आदिवासी अस्मिता और बाहरी भीतरी के नाम पर चुनाव लड़ा। झारखंड चुनाव में जामताड़ा से भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन के खिलाफ इरफान अंसारी द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर भी खूब हंगामा हुआ।
एनडीए ने भ्रष्टाचार और घुसपैठ को लेकर झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन पर हमला किया है, जिसमें जमानत पर बाहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की आलोचना की है। दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल जेएमएम ने कल्याणकारी योजनाओं के वादों और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर प्रतिद्वंद्वी दलों के खिलाफ ईडी और सीबीआई को “उतारने” का आरोप लगाकर मतदाताओं को लुभाया है।
हेमंत सोरेन ने भी भगवा खेमे पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल ने उनके खिलाफ “दुर्भावनापूर्ण अभियान” पर 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित शीर्ष भाजपा नेताओं ने व्यापक रैलियों को संबोधित किया, भ्रष्टाचार और घुसपैठ को लेकर झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन पर हमला किया और हेमंत सोरेन पर निशाना साधा, जिन्होंने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच महीने जेल में बिताए हैं।

चम्पाई सोरेन का मुद्दा भी रहा हावी
उन्होंने जून में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाने को भी एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया। उन्होंने इसे एक मुद्दे के रूप में तैयार किया कि कैसे झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने एक आदिवासी नेता का अपमान किया।
हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया था। 3 जुलाई को उन्हें JMM विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद चम्पाई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिससे हेमंत सोरेन के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। भाजपा ने “एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे” जैसे नारे लगाए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अंबानी जैसे अरबपतियों के बीच “एकता” का प्रतीक है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन सहित इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी बड़े पैमाने पर प्रचार किया, कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर प्रतिद्वंद्वी दलों के खिलाफ ईडी और सीबीआई को “उतारने” का आरोप लगाया।